भौतिक चिकित्सा
सर्जरी के बाद


सिर एवं गर्दन के कैंसर की सर्जरी के बाद रोगियों में कई प्रकार के दुष्प्रभाव देखे जाते हैं, जिनकी गंभीरता प्रत्येक रोगी में अलग-अलग होती है। इनमें से अनेक दुष्प्रभाव गर्दन और कंधों की गतिविधियों को सीमित कर देते हैं, जिससे रोगियों के जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, सिर एवं गर्दन की कैंसर सर्जरी के बाद रोगी का फ़िज़ियोथेरेपी (भौतिक चिकित्सा) लेना अत्यंत आवश्यक है।

कंधे और गर्दन के व्यायाम
1. गर्दन के व्यायाम
डॉक्टर आपको दिन में 2-3 बार गर्दन के व्यायाम करने की सलाह दे सकते हैं। प्रत्येक व्यायाम कम से कम पाँच मिनट के लिए करें।
गर्दन घुमाना :
पीठ के बल लेट जाएँ और सिर के नीचे तकिया रखें।
गर्दन को एक ओर घुमाएँ, जब तक दूसरी तरफ अच्छी तरह खिंचाव महसूस न हो।
इस स्थिति में 2-3 सेकंड रुकें, फिर गर्दन को दूसरी तरफ घुमाएँ।
गर्दन को बगल में झुकाना :
पीठ के बल लेट जाएँ। सिर को धीरे-धीरे एक कंधे की ओर झुकाएँ ताकि आपका कान कंधे के पास पहुँच जाए।
2-3 सेकंड इस स्थिति में रहें, फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाएँ।
यही प्रक्रिया दूसरी तरफ भी दोहराएँ। आप हाथ की मदद से हल्का दबाव भी दे सकते हैं।
गर्दन पीछे की ओर झुकाना:
सीधे बैठकर सिर को पीछे की ओर झुकाएँ।
2-3 सेकंड इस स्थिति में रहें, फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाएँ।
इसके बाद सिर को आगे की ओर झुकाएँ, ताकि ठोड़ी छाती को छूने की कोशिश करे।
2. कंधे के व्यायाम
ये व्यायाम कंधों की गतिशीलता को बेहतर करने में मदद करते हैं।
कंधों को घुमाना:
कंधों को गोलाकार घुमाएँ, पहले ऊपर उठाएँ और फिर पीछे की ओर घुमाएँ।
कंधों को पीछे की ओर खींचना:
सीधे बैठें और अपने दोनों हाथों को किनारों पर फैला लें।
अपने दोनों कंधों को पीछे की तरफ खींचें और 5-6 सेकंड तक दबाकर रखें, फिर आराम करें।
इस प्रक्रिया को दोहराएँ।
हाथ ऊपर उठाना:
पीठ के बल लेट जाएँ और सिर के नीचे तकिया रखें।
कोहनियाँ सीधी रखते हुए अपने हाथों को सिर के ऊपर की ओर उठाएँ।
कुछ सेकंड इस स्थिति में रहें, फिर आराम करें।
कंधे उचकाना और घुमाना:
सीधे बैठें और अपने कंधों को कानों की ओर ऊपर उठाएँ।
2-3 सेकंड तक इस स्थिति में रहें, फिर आराम करें।
छाती की फ़िज़ियोथेरेपी
छाती की फ़िज़ियोथेरेपी से सर्जरी के बाद फेफड़ों से बलगम निकालने और सांस लेने की प्रक्रिया बेहतर करने में मदद मिलती है।
रोगी की पीठ (छाती क्षेत्र) पर दोनों तरफ हल्के-हल्के थपथपाएँ।
रोगी को तेज़ी से खाँसने के लिए प्रेरित करें ताकि बलगम बाहर निकल सके।
मुँह खोलने के व्यायाम
ट्रिस्मस (Trismus), यानी मुँह कम खुलना, सिर और गर्दन की सर्जरी के बाद आम समस्या है।
व्यायाम:
मुँह खोलें और ठोड़ी को बाईं, दाईं और आगे की तरफ ले जाएँ। प्रत्येक स्थिति में 5 सेकंड रुकें।
जितना हो सके मुँह खोलें, इससे मुँह की गतिशीलता बढ़ेगी।
जॉ स्ट्रेचर की (Jaw Stretcher) मदद से हल्के दबाव के साथ मुँह खोलने का अभ्यास करें। प्रत्येक बार 30 सेकंड तक रुकें।
दिन में 5 बार इस व्यायाम को करें, हर बार 5 बार दोहराएँ।
व्यायाम का महत्व
सिर और गर्दन की कैंसर सर्जरी के बाद पुनर्वास के लिए व्यायाम बहुत ज़रूरी हैं:
कठोरता (stiffness) से बचाव और तेज रिकवरी।
रक्त के थक्के बनने जैसे जटिलताओं के जोखिम को कम करना।
मानसिक और शारीरिक तनाव (चिंता, अवसाद, थकान) से राहत दिलाना।
मरीज को जल्दी सक्रिय बनाकर दैनिक जीवन में जल्दी लौटने में मदद करना।
सर्जरी के बाद नियमित व्यायाम तेज रिकवरी और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है।





